Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 471
________________ Jain Education International ४५८ लेख श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री जयभगवान जैन वर्ष अंक १२ ई० सन् १९५५ पृष्ठ ३-९ ४४ ३ १-३ श्री दिनेशचन्द्र चौबीसा श्रीमती यमुनादेवी पाठक रीता बिश्वनोई मुनि महेन्द्रकुमार श्री जयकुमार जैन ३ १९९३ १९५० १९९१ १९८५ १९७७ ३५-४१ २९-३३ ७५-८६ ११-१३ ३-९ २८ For Private & Personal Use Only पर्व और धर्म चर्या पल्लवनरेश महेन्द्रवर्मन “प्रथम'' कृत मत्तविलासप्रहसन में वर्णित धर्म और समाज पारिवारिक जीवन सुखी कैसे हो? पाण्डवपुराण में राजनैतिक स्थिति पाप का घट पार्श्वनाथचरित में प्रतिपादित समाज पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान के मार्गदर्शक पं०सुखलाल जी पितृहीन पुरुषार्थ के प्रतीक पं० सुखलाल जी पौराणिक साहित्य में राजनीति प्रज्ञाचक्षु पं० सुखलाल जी : एक परिचय प्रज्ञापुरुष पं० जगन्नाथ जी उपाध्याय की दृष्टि मेंबुद्ध व्यक्ति नहीं प्रक्रिया प्रतिक्रिया है दु:ख प्रज्ञा पुरुष श्री गुलाबचन्द्र जैन डॉ० इन्द्र साहू श्रेयांसप्रसाद जैन श्री धन्यकुमार राजेश श्री गुलाबचन्द्र जैन __३२ २३ १९७८ १९५४ १९८१ १९७१ १९८१ ३-५ २५-२९ ४८-४९ ३-१३ ५५ १ ४-६ www.jainelibrary.org डॉ० सागरमल जैन युवाचार्य महाप्रज्ञ साध्वी रत्न श्री विचक्षण श्री जी ४६ ३३ ३२५ १९९५ १६६-१६९ १९८२ २-६ १९८१ ३५

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