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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० के० ऋषभचन्द्र
वर्ष १८
अंक १२
४५६ लेख पउमचरिउ की अवान्तर कथाओं में भौगोलिक सामाग्री पउमचरियं के कछ भौगोलिक स्थल पउमचरियं में अनार्य जातियाँ पउमचरिउ में नारी पउमचरियं में वर्णित राम की वनयात्रा
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ई० सन् १९६७ १९६५ १९६७ १९७४ १९६५ १९६५ १९७४
डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन डॉ० के० ऋषभचन्द्र
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डॉ० रमेशचन्द्र जैन
१९७३
पृष्ठ ३-१६ १७-२१ २-५ २४-२७ ३-८ १३-१८ ३-१० २९-३५ ८१-९० १३५-१४३ ३४-३५ १०-१५ १७-२१ १४-१६ ३७-३९
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४-६
११.
पद्मचरित में वस्त्र और आभूषण पद्मचरित में शकुनविद्या पर्यावरण एवं अहिंसा पर्यावरण के प्रदूषण की समस्या और जैनधर्म पर्युषण पर्व और आज की नारी पर्युषण का सामाजिक महत्त्व पर्युषण पर्व पर एक ऐतिहासिक दृष्टिपात पर्युषण पर्व की आराधना पर्युषण पर्व पर दो महत्त्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान पर्यषण मीमांसा पर्व और धर्म चर्या पल्लवनरेश महेन्द्रवर्मन "प्रथम' कृत मत्तविलासप्रहसन में वर्णित धर्म और समाज
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डॉ० डी०आर० भण्डारी डॉ० सागरमल जैन सुश्री शरबतीदेवी जैन श्री जयन्त मुनि पं० मुनिश्री रामकृष्ण जी महाराज पं० मुनिश्री फूलचन्द्र जी 'श्रमण' श्री अगरचंद नाहटा मनिश्री कन्हैयालाल जी 'कमल' श्री जयभगवान जैन
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१९९२ १९९४ १९५६ १९५६ १९५६ १९५५ १९५६ १९५५ १९५६
११ । १२
३-९
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श्री दिनेशचन्द्र चौबीसा
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१९९३
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