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श्रमण : अतीत के झरोखे में। लेखक पं० बेचरदास दोशी मुनि बुद्धमल्ल जी श्री शिवकुमार नामदेव
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अंक १० १० १०
ई० सन १९७४ १९७४ १९७४
पृष्ठ । ११-१३ १४-१८ २४-२६
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लेख नालंदा या नागलंदा पुद्गल : एक विवेचन कलचुरि-कला में जैन शासन देवियों की मूर्तियों Jain and Buddhist Tradition Regarding the origins of Ajatsattu's war with the Vajjis- A New Interpretataion अपभ्रंश और देशीतत्त्व वराङ्गचरित में राजनीति प्राचीन ऐतिहासिक नगरी : जूना (बाड़मेर)
जैन धर्म में तप का स्वरूप और महत्त्व निश्चय और व्यवहार वीर हनुमान : स्वयंभू कवि की दृष्टि में जैन शिल्प का एक विशिष्ट प्रकार : सहस्रकूट जैन कला-तीर्थ : खजुराहो व्यक्ति पहले या समाज भगवान् महावीर की मंगल विरासत श्रमण भगवान् महावीर
Dr. J. P. Sharma डॉ. देवेन्द्र कुमार जैन डॉ. रमेश चन्द्र जैन श्री भूरचन्द जैन श्री रामजी सिंह पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री श्री श्रीरंजन सूरिदेव श्री अगरचंद नाहटा श्री शिवकुमार नामदेव श्री कन्हैयालाल सरावगी पं० सुखलाल जी पं० बेचरदास दोशी
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