________________
श्रमण : अतीत के झरोखे में
Jain Education International
अंक
ई० सन्
पृष्ठ
१९५७
४०-४३
१९९५
७०-७३
१९९१
१-१०
For Private & Personal Use Only
१९६५
३८ ।
लेख कलादेवी जैन अक्षय तृतीया कलानाथ शास्त्री चातुर्मास : स्वरूप और परम्पराएँ
कल्याणमल लोढ़ा । अहँ परमात्मने नमः मुनि कल्याण विजय रायपसेणिय उपांग और उसका रचनाकाल' की समीक्षा कल्याणी देवी जायसवाल क जैन परम्परा में महाभारत कथा । पाण्डवचरित का तुलनात्मक अध्ययन
कस्तूरचन्द जैन कोटिशिला तीर्थ का भौगोलिक अभिज्ञान
जैन धर्म में मानवतावाद है कस्तूरमल बांठिया
अहिंसा निउणा दिट्ठा अधिमास और पर्युषण
१९८९ १९८८
१४-१९ २२-२७
१२
७-१२
१९९१ १९६६
५१-६० २५-३२
।
www.jainelibrary.org
१९६३ १९५५
३४-४३ १७-२३
१