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३९० लेख
३. आगम और साहित्य
अंग ग्रंथों का बाह्य रूप अंगविज्जा
अखिल भारतीय प्राच्यविद्या महासम्मेलन अज्ञात कविकृत शीलसंधि
अणगार वन्दना बत्तीसी
अद्धमागहाए भाषाए भासंति अरिहा
अपने को परखिए
अपभ्रंश और देशी तत्त्व
अपभ्रंश कथाकाव्यों का हिन्दी प्रेमाख्यानों के शिल्प
पर प्रभाव
अपभ्रंश का काव्य सौन्दर्य
अपभ्रंश का विकास कार्य तथा जैन
साहित्यकारों की देन
अपभ्रंश की शोध कहानी
अपभ्रंश के जैनपुराण और पुराणकार
श्रमण : अतीत के झरोखे में
लेखक
पं० बेचरदास दोशी श्री नारायण शास्त्री
श्री
गुलाबचन्द्र चौधरी डॉ० सनत्कुमार रंगाटिया
डॉ० (श्रीमती) मुन्नी जैन श्री नंदलाल मारु मुनिश्री सुरेशचन्द्र जी शास्त्री डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन
श्री प्रेमचंद जैन
प्रो० सुरेशचन्द्र गुप्त
श्रीमती मीना भारती
डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन रीता विश्वनोई
वर्ष
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१६
२१
२०
४८
२४
६
२५
প
२३
१८
४२
अंक
२
८
१
99
७
१-३
o or or
११
११
१-२
८
८
१-२
७-१२
ई० सन्
१९६४
१९७०
१९५१
१९६९
१९९७
१९७३
१९५५
१९७४
१९६७
१९५४
१९७२
१९६६
१९९१
पृष्ठ
१५-२२
२८-३२
३८-४४
२१-२६
६०-७०
१३-१५
३९-४१
३-८
४३-५३
२३-३०
२९-३४
३-७
४५-५६