________________
Jain Education International
वर्ष
अंक
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री अगरचंद नाहटा श्री भंवरलाल नाहटा श्री अगरचंद नाहटा डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन पं० विश्वनाथ पाठक डॉ० हरिवल्लभ भयाणी श्री अगरचंद नाहटा
२
११
३३ ___३३
३३ २९
लेख तेरापंथ सम्प्रदाय के हस्तलिखित ग्रन्थ संग्रहालय थुल्लवंश की एक अपूर्ण प्रशस्ति तेलगूभाषा के अवधानी विद्वानों की परम्परा दशरूपक एक अपभ्रंश दोहा : कुछ तथ्य दशरूपक की एक अव्याख्यात्मक गाथा । दशरूपकावलोक में उद्धृत अपभ्रंश उदाहरण दशाश्रुतस्कन्ध की बृहद् टीका और टीकाकार मतिकीर्ति दशाश्रुतस्कन्ध के विविध संस्करण एवं टीकाएँ दशाश्रुतस्वध नियुक्ति : अन्तरावलोकन दशाश्रुतस्कन्ध नियुक्ति में इंङ्गित दृष्टांत द्वीपसागरप्रज्ञप्ति धम्मपद और उत्तराध्ययन का एक तुलनात्मक अध्ययन ध्वन्यालोक एवं दशरूपक की दो प्राकृत गाथाएंएक चिन्तन धूमावली-प्रकरणम् नन्दीसूत्र की एक जैनेतर टीका नियुक्ति साहित्य : एक पुनर्चिन्तन
For Private & Personal Use Only
४०३ पृष्ठ । २३-२५ २१-१५ २४-२७ २४-२६ २०-२१ ३८ ३-९ २१-२४ ३१-४४ ४७-५९ १८-१९
ई० सन् १९६० १९६६ १९५९ १९८२ १९८२ १९८२ १९७८ १९७७ १९९७ १९९७ १९६५ १९८६
डॉ० अशोककुमार सिंह
४८ ४८
२ १०-१२ १०-१२ १-३
श्री अगरचंद नाहटा महेन्द्रनाथ सिंह
३७
८-९
१९७९
श्री विश्वनाथ पाठक साध्वी अतुलप्रभा श्री अगरचंद नाहटा डॉ० सागरमल जैन
४७
७ १-३ ७
१९९६
www.jainelibrary.org
३२-३६ ६०-६४ १३-१४ २०३-२३३
१९६५ १९९४