Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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लेख
क्षेत्रज्ञ शब्द के विविध रूपों की कथा और उसका
अर्धमागधी रूपान्तर
चतुर्विंशतिस्तव का पाठ भेद और एक अतिरिक्त गाथा चन्द्रवेध्यक आदि-सूत्र अनुपलब्ध नहीं हैं । चन्द्रवेध्यक (प्रकीर्णक) एक आलोचनात्मक -
परिचय
चन्दन - मलयागिरि
चूर्णियां और चूर्णिकार
छीहल की एक दुर्लभं प्रबन्ध कृति जयप्रभसूरिरचित कुमारसंभवटीका जयसिंहसूरिरचित अप्रसिद्ध ऋषभदेव और वीर
चरित्र युगल काव्य
जिनचन्द्रसूरिकृत क्षपक शिक्षा का विषय जिनराजसूरिकृत नैषधमहाकाव्यवृत्ति
जिनसेन का पार्श्वाभ्युदय : मेघदूत का माखौल
जीवित साहित्य की वाणी
जैकोबी और वासी-चन्दन-कल्प - क्रमशः
श्रमण : अतीत के झरोखे में
लेखक
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श्री अगरचंद नाहटा
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श्री सुरेश सिसोदिया
श्री अशोक कुमार मिश्र
डॉ० मोहनलाल मेहता
श्री अशोककुमार मिश्र
श्री अगरचंद नाहटा
श्री अगरचंद भंवरलाल नाहटा
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श्री श्रीरंजन सूरिदेव श्री विजय मुनि मुनिश्री महेन्द्रकुमार जी 'द्वितीय'
वर्ष
४१
२२
5
४३
२७
२७
२१
३०
२२
२०
१८
२
१७
अंक
१०-१२
१२
६
१-३
१०
७
m৩
९
८
११
ত
ई० सन्
१९९०
१९७१
१९५४
३९७
पृष्ठ
४९-५६
१३-१७
१६-१७
१९९२
४५-५३
१९७६ २०-२५
१९५५
१०-१४
१९७६
२२-२८
१९७०
३१-३३
१९७९
.१९-२३
१९७१
३४-३५
१९६९
१५-१८
१९६७
२८-३२
१९५१
३६-३७
१९६६ २७-३४