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ई० सन् १९७४ १९६७ १९६८
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श्रमण : अतीत के झरोखे लेख पच्चीसवीं निर्वाण-शताब्दी के आयोजनों में आगम-वाचना भी हो भगवान् महावीर की २५वीं निर्वाणशती कैसे मनायें ? समवायांगसूत्र में विसंगति मुनिश्री नन्दीषेण विजय जैनधर्म का दृष्टिकोण नृपराज शादीलाल जैन भारत जैन महामण्डल के ४५वें अधिवेशन पर अध्यक्षीय भाषण नरेन्द्रकुमार जैन जैन तथा अन्य भारतीय दर्शनों में सर्वज्ञता विचार
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भगवान् महावीर की अहिंसा विश्वशांति का आचार गाँधीवाद समन्तभद्र द्वारा क्षणिकवाद की समीक्षा
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नरेन्द्र गुप्त गांधी जी की दृष्टि में अहिंसा का अर्थ नरेशचंद्र जैन भगवान् महावीर और वर्तमान युग
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