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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक
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वर्ष अंक १५ ५-६ ११ १० १०९
ई० सन् १९६४ १९५९ १९५८
पृष्ठ ६५-६८ ९-१२ १७-१८
उपाध्याय अमरमुनि श्री सूरजचन्द्र 'सत्यप्रेमी'
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१९८१ १९८४
३५ १३ २७
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लेख धार्मिक एकता धार्मिक जीवन की प्रेरणा ध्यान योग की जैन परम्परा नैतिक आचरण विधि : सोरेन कीर्केगार्ड और जैन दर्शन ध्यान साधना का दिशाबोध नई पीढ़ी और धर्म निर्वाण : उपनिषद् से जैन दर्शन तक नि:शस्त्रीकरण नैतिकता का आधार पंचयाम धर्म-एक पर्यवेक्षण पंचपरमेष्ठि मंत्र का कर्तृत्व और दशवैकालिक पर्युषण पर्युषण: आत्म चिन्तन से सामाजिक चिन्तन की ओर पर्युषण : आत्म संक्रान्ति का अद्वितीय अध्याय पर्युषण : आत्मा की उपासना का पर्व पर्युषण और नई प्रतिमाएँ
पाण्डेय रामदास 'गम्भीर' श्री सौभाग्य मुनि जी 'कुमुद' श्री सागरमल जैन 'साथी' डॉ० शान्ति जैन मुनि आईदान श्री जगदीश सहाय श्री व्रजनन्दन साध्वी (डॉ०) सुरेखाश्री श्री मधुकर मुनि
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१९७६ १९५८ १९८१ १९६४ १९९१ १९८०
३-१२ ११-१४ ३१-३४ २५-२९ १७-२२ १-१८ २०-२३ १-१० २-६
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डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन डॉ० नरेन्द्र भानावत मुनिश्री रामकृष्ण श्री लक्ष्मीनारायण
१९६१ १९८१ १९८१ १९६१
१५-१७ २-५ २६-३० २४-२५