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लेख पर्व की आराधना पर्वराज पर्युषण पर्वाराधन की एक रूपता का प्रश्न पाश्चाताप
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक उपाध्याय अमरमुनि पं० अमृतलाल शास्त्री श्री सौभाग्य मुनि 'कुमुद श्री भंवरलाल नाहटा
वर्ष १० १० ३६
अंक १२ ११ १२
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ง : : :
ई० सन् १९५९ १९५९ १९८५ १९८८ १९८८ १९८९ १९७१ १९७९ १९५५ १९५५
पृष्ठ १७-१९ १५-१६ १४-१५ २३-२४ २२-२४ ३-९ ३-७ १५-१ ३-१२ ३३-३६
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डॉ० विनोदकुमार तिवारी डॉ० मोहनलाल मेहता श्री सनतकुमार जैन स्वामी सत्यभक्त जी श्री कस्तूरमल बांठिया
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पार्श्वकालीन जैनधर्म पुण्य और पाप पुराण प्रतिपादित शीलव्रत प्रतिक्रमण प्रत्यालोचना-महावीर का अन्तस्तल प्राकृत जैनागम परम्परा में गृहस्थाचार तथा उसकी पारिभाषिक शब्दावली प्राणातिपात विरमण: अहिंसा की उपादेयता प्राचीन मथुरा में जैन धर्म का वैभव प्राचीन भारतीय श्रमण एवं श्रमणचर्या प्रेम की सरिता प्रवाहित करने वाला पर्व बारहभावना : एक अनुशीलन
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४७-६८ ६-१५
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१९८७ १९५३
डॉ० कमलेश जैन डॉ० ब्रजनारायण शर्मा डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल डॉ० झिनकू यादव मुनि मणिप्रभ सागर डॉ० कमलेशकुमार जैन
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