SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 395
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३८२ Jain Education International लेख पर्व की आराधना पर्वराज पर्युषण पर्वाराधन की एक रूपता का प्रश्न पाश्चाताप श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक उपाध्याय अमरमुनि पं० अमृतलाल शास्त्री श्री सौभाग्य मुनि 'कुमुद श्री भंवरलाल नाहटा वर्ष १० १० ३६ अंक १२ ११ १२ ३९ ง : : : ई० सन् १९५९ १९५९ १९८५ १९८८ १९८८ १९८९ १९७१ १९७९ १९५५ १९५५ पृष्ठ १७-१९ १५-१६ १४-१५ २३-२४ २२-२४ ३-९ ३-७ १५-१ ३-१२ ३३-३६ २२ For Private & Personal Use Only डॉ० विनोदकुमार तिवारी डॉ० मोहनलाल मेहता श्री सनतकुमार जैन स्वामी सत्यभक्त जी श्री कस्तूरमल बांठिया ३० : : पार्श्वकालीन जैनधर्म पुण्य और पाप पुराण प्रतिपादित शीलव्रत प्रतिक्रमण प्रत्यालोचना-महावीर का अन्तस्तल प्राकृत जैनागम परम्परा में गृहस्थाचार तथा उसकी पारिभाषिक शब्दावली प्राणातिपात विरमण: अहिंसा की उपादेयता प्राचीन मथुरा में जैन धर्म का वैभव प्राचीन भारतीय श्रमण एवं श्रमणचर्या प्रेम की सरिता प्रवाहित करने वाला पर्व बारहभावना : एक अनुशीलन १९९२ ४७-६८ ६-१५ ३८ १९८७ १९५३ डॉ० कमलेश जैन डॉ० ब्रजनारायण शर्मा डॉ० वासुदेवशरण अग्रवाल डॉ० झिनकू यादव मुनि मणिप्रभ सागर डॉ० कमलेशकुमार जैन २४ १२ ११ ६-१२ १९७३ १९८४ ३५ ४-६ www.jainelibrary.org १९९४ ५६-६१
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy