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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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अंक
ई० सन्
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१९८४
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लेख सरदारचंद जैन धर्म का स्वरूप सरदारमल जैन आज का फैशन-धूम्रपान आत्म शुद्धि का पर्व -पर्युषण रक्षाबंधन महासती श्रीसरलादेवी जी महाराज सच्चरित्रता क्या है ? हमारा उत्थान कैसे? (कु०) सविता जैन महावीर का संयम और उनका साधनामय जीवन
१९६५ १९६३
२२-२५ ३४-३५ ११-१४
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१९८१ १९८२
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आचार्य सर्वे यह नई परम्परा करवट ले रही है सागरमल जैन अध्यात्मवाद और भौतिकवाद अध्यात्म और विज्ञान
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१९८१ १९८९
९-१९