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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक
लेख
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गुणस्थान सिद्धान्त का उद्भव एवं विकास गुणस्थान सिद्धान्त का उद्भव एवं विकास गुरुत्वाकर्षण से परमाणु शक्ति तक छद्मस्थानां च मतिभ्रमः २६ वाँ प्राच्यविद्या विश्व-सम्मेलन क्षत्रचूड़ामणि में उल्लिखित कतिपय नीतिवाक्य जगत् : सत्य या मिथ्या जीव और जगत् जैन अध्यात्मवाद : आधुनिक संदर्भ में जैन आगम और गुणस्थान सिद्धान्त जैन आगम साहित्य में प्रमाणवाद जैन आगमों में धर्म-अधर्म (द्रव्य) : एक ऐतिहासिक विवेचन जैन एवं न्यायदर्शन में कर्मसिद्धान्त जैन एवं बौद्ध धर्म में स्वहित एवं लोकहित का प्रश्न
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डॉ० सागरमल जैन डॉ० सागरमल जैन श्री दुलीचन्द जैन श्री कस्तूरमल बांठिया डॉ० नारायण हेमनदास सम्तानी श्री उदयचंद जैन 'प्रभाकर' श्री कन्हैयालाल सरावगी पं० बेचरदास दोशी डॉ० सागरमल जैन डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय श्री गणेशमुनि शास्त्री
३५३ पृष्ठ ९-१८ २३-४३ १-२६ ३०-३४ २६-३० ३-८ १२-२१ ५-११ १३-१५ १-१७ ३-१४ २९-३४
ई० सन् १९७७ १९९२ । १९९२ ।। १९६० १९५८ १९६४ १९७३ १९८८ १९६० १९८३ १९९६ १९७९
२४ ३९ १२ ३४ ४७ ३०
३ ५ १ १० ७-९ ११
डॉ० विजय कुमार श्री प्रेमकुमार अग्रवाल डॉ० सागरमल जैन
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१०-१२ १
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१९९७ १९७२ १९८० १९८० १९७४
५३-७२ १२-१९ २-१० ५-१३ ३-९
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जैन कर्म-सिद्धान्त
डॉ० प्रमोद कुमार