Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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३७२ लेख उपशमन का आध्यात्मिक पर्व उदायन का पुर्यषण
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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक पं० दलसुख मालवणिया उपाध्याय श्री अमरमुनि महात्मा भगवानदीन डॉ० प्रतिभा त्रिपाठी पं० दलसुख मालवणिया श्री शिवकुमार नामदेव श्री प्रेमचन्द्र रांवका मुनिश्री नथमल जी
आचार्य आनन्द ऋषि जी पं० रत्न श्री ज्ञानमुनि जी पं० श्री विजयमुनि शास्त्री मुनिश्री समदर्शी जी श्री लक्ष्मीनारायण भारतीय डॉ० कोमलचन्द जैन श्री सौभाग्यमल जैन श्री रामप्रवेश शास्त्री अनु० नरेन्द्र गुप्त
ऋग्वेद में अहिंसा के सन्दर्भ एकान्तपाप और एकान्तपुण्य कलचुरी नरेश और जैन धर्म कालिदास के काव्यों में अहिंसा और जैनत्व कृतिकर्म के बारह प्रकार कीर्ति के शत्रु- क्रोध और कुशील क्षमा का आदर्श क्षमापना का आदर्श क्षमा का पर्व क्षमापना दिन क्षमा पहला धर्म है क्षमा से विश्व बन्धुत्व गांधीजी और अहिंसा गांधी जी की दृष्टि में अहिंसा का अर्थ
ई० सन् १९५४ १९८० १९६३ १९९१ १९५५ १९७४ १९७६ १९६९ १९८१ १९५९ १९५७ १९५९ १९६२ १९५९ १९८५ १९६१ १९५२
पृष्ठ ३-५ ७-११ २६-२९ ४४-६२ ११-१६ १९-२२ २३-२६ २६-३३ १-९ २९-३१ १५-१६ ३८-३९
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