Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री छगनलाल शास्त्री डॉ० सागरमल जैन डॉ० केवलकृष्ण मित्तल श्री रमेशमुनि शास्त्री युवाचार्य श्री महाप्रज्ञ श्री अभयमुनि जी महाराज डॉ० सागरमल जैन डॉ० देवेन्द्रकुमार जैन
ई० सन् १९६२ १९८० १९७८ १९७७ १९८२ १९५५
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पृष्ठ २६-२८ ३-११ १४-२० २५-२८ १८-२२ ३६-३७ ९७-१२२ ३-५
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लेख भेद में अभेद का सर्जक स्याद्वाद भेद विज्ञान : मुक्ति का सिंहद्वार भौतिकवाद एवं समयसार की सप्तभंगी व्याख्या मन और संज्ञा मन की शक्ति बनाम सामायिक मन-निग्रह मन, शक्ति, स्वरूप और साधना : एक विश्लेषण महाकवि स्वयंभू का प्रकृति दर्शन महावीर के समकालीन विभिन्न आत्मवाद एवं उसमें जैन आत्मवाद का वैशिष्ट्य महावीर संदेश-दार्शनिक दृष्टि महापण्डित राहुल सांकृत्यायन के जैनधर्म सम्बन्धी मन्तव्यों की समालोचना मानव मानवतावादी समाज का आधार अहिंसा मानवव्यक्तित्व का वर्गीकरण मुनिराम सिंह का उग्र अध्यात्मवाद
१९९५
२४
१९७३
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डॉ० सागरमल जैन श्री हरिओम् सिंह
१९९५ १९८०
५९-६८ १८-२१
५
डॉ० सागरमल जैन पुष्पा धारीवाल मुनिश्री सुशीलकुमार जी डॉ० त्रिवेणीप्रसाद सिंह डॉ० देवेन्द्र कुमार
११ ४१ १९
१९९४ १९५५ १९५९ १९९० १९६८
२ ४-६ ६
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१७९-१८४ २४-३६ ७-११. ४१-५० १२-२२