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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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___ अंक
ई० सन्
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लेख मुनिश्री सुरेशचन्द्र जी शास्त्री अपने को परखिए अहिंसा का अवतार एक नया पुरोहितवाद नया और पुराना प्रधानाचार्य या आचार्य मंजिल अभी दूर है महावीर के ये उत्तराधिकारी श्रमण संघ की शिक्षा-दीक्षा का प्रश्न श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों से हमारे जागरण का शीर्षासन सुरेश सिसोदिया चन्द्रवेध्यक (प्रकीर्णक) एक आलोचनात्मक परिचय मुनिजी सुशीलकुमार मिथिलापति नमिराज हरिकेशिबल धर्म और दर्शन
१९५५ १९६० १९५६ १९५५ १९६० १९५२ १९५५ १९५६ १९६२ १९५२
३९-४१ १३ २७-३१ २०-२२ २३-२५ २४-२६ ५७-६० १६-१७ ४३-४५ १७-२२
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४५-५३
१९५५ १९५४ १९५६
३६-३७ १५-२४ २०-२३
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