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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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३२४ लेख
अर्धमागधी आगम साहित्य अर्धमागधी आगम साहित्य में समाधिमरण की अवधारणा असली दूकान/नकली दुकान अहिंसा का अर्थ विस्तार, संभावना और सीमा क्षेत्र आगम साहित्य में प्रकीर्णकों का स्थान, महत्त्व, रचना काल एवं रचयिता आचारांगसूत्र : एक विश्लेषण आचार्य हेमचन्द्र : एक युगपुरुष
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ई० सन् १९९७ १९९५ १९९४ १९८२ १९८० १९९७ १९८७ १९८९ १९९७ १९८१ १९९१ १९९४ १९९४ १९९२ १९९२ १९८३ १९९७
पृष्ठ २०-२९ १-४५ ८०-९३ २०-२१ ३-२१ १४७-१५६ १-१९ ३-१५ ६०-७०
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आत्मा और परमात्मा उच्चै गर शाखा उत्पत्ति स्थान एवं उमास्वाति के जन्मस्थल की पहचान ऋग्वेद में अर्हत् और ऋषभवाची ऋचायें : एक अध्ययन खजुराहो की कला और जैनाचार्यों की समन्वयात्मक एवं सहिष्णु दृष्टि गुणस्थान सिद्धान्त का उद्भव एवं विकास
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१७-२४ १८५-२०२ १७३-१७८ २३-४३ १-२६ १-१७ १-२८
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जैन अध्यात्मवाद : आधुनिक संदर्भ में जैन आगमों की मूलभाषा : अर्धमागधी या शौरसेनी
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