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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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ई० सन् १९५२ १९५२ १९५३ १९५३ १९५१ १९५१ १९५१ १९५५ १९५१
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पृष्ठ २५-२९ ३-८ ८-१२ १०-१५ ९-१४ १२-२४ ९-१४ २४-३४ २८-३० १२-१३
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परिग्रह मीमांसा महावीर का संदेश यह धर्म प्राण देश है शीलव्रत ग्रहण आचार्य रजनीश धर्म और विज्ञान रज्जन कुमार /सुनीता कुमारी जैनधर्म में मानव
१९५१
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१९६६
१८-२१
१-३
१९९०
१० ५.१११
रज्जन कुमार जैनधर्म में समाधिमरण की अवधारणा ज्ञानीजनों का मरण : भक्तप्रत्याख्यानमरण
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१९८८ १९८७
३-८ १४-१९
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