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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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ई० सन् पृष्ठ १९८०६-१५
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१९५९
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२१८ लेख मानव धर्म का सार जगन्नाथ पाठक संस्कृत कवियों के उपनाम जयकुमार जैन पार्श्वनाथचरित में प्रतिपादित समाज पार्श्वनाथचरित में राजनीति और शासन-व्यवस्था प्राचीन भारतीय वाङ्मय में पार्श्वचरित शान्त रस : मान्यता और स्थान संस्कृत साहित्य में अभ्युदय नामान्त जैन काव्य जयचन्द्र बाफणा चंदनबाला और मृगावती जयन्त मुनि पर्युषण का सामाजिक महत्त्व मुनिश्री जयन्ती लाल जी ज्ञान की खोज में जयभगवान जी एडवोकेट आत्मा की महिमा
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