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लेख
युद्ध
श्रमण
और सन्त श्री गणेश प्रसाद वर्णी
कोमलचन्द जैन
आगमिक साहित्य में महावीर चरित्र क्षमा पहला धर्म है
जैन आगमों में जननी एवं दीक्षा जैन और बौद्ध आगमों में गणिका जैन और बौद्ध आगमों में विवाह पद्धति जैनधर्म एवं बौद्धधर्म-परस्पर पूरक पालि क्या बोलचाल की भाषा थी ? बुन्देलखण्डी भाषा में प्राकृत के देशी शब्द
और जैन आगमों में नारी जीवन : एक और स्पष्टीकरण
बौद्ध
बौद्ध और जैन आगमों में जननी
बौद्ध और जैन आगमों में जननी : एक स्पष्टीकरण
बौद्ध और जैन आगमों में पुत्रवधू
भारतीय संस्कृति के विकास में श्रमण धारा का महत्त्व विग्रहगति एवं अन्तराभव
श्रमण : अतीत के झरोखे में
वर्ष
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अंक
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१९८४
१९६९
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पृष्ठ
९-११
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७३-८४
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