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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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लेख
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ई० सन्
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पं० कपिलदेव गिरि ___प्राकृत व्याकरण और भोजपुरी का 'केर' प्रत्यय
१९७१ १९७१ १९७१ १९७४
२९-३८ २४-३८ १८-२९
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७-१३ २३-२६
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बंगला आदि भाषाओं के सम्बन्धवाची प्रत्यय महावीर की निर्वाण भूमि पावा की स्थिति कपूरचन्द जैन पुरुदेवचम्पू का आलोचनात्मक परिशीलन महावीर की वाणी कमलचन्द सौगानी महावीर का अपरिग्रह सिद्धान्त : सामाजिक न्याय का अमोघ मन्त्र कमल जैन आचार्य हरिभद्र एवं उनका योग आचार्य हरिभद्र और उनका साहित्य प्राचीन जैन कथा साहित्य का उद्भव, विकास और वसुदेवहिंडी प्राचीन जैन साहित्य में वर्णित आर्थिक जीवन : एक अध्ययन वसुदेवहिंडी का समीक्षात्मक अध्ययन कमला माताजी अन्धेरा दीप तले
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१-३ १९९३ ४-६ १९९३ १०-१२ १९९५ ८-९ १९८६ ४-६ १९९६
८-२७ १-१२ ५२-६३ १०-१९ ११-३५
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