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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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२०२ लेख
अंक ११-१२
ई० सन् १९५८
पृष्ठ ४२-५६
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नई समाज व्यवस्था कुन्दनलाल जैन योग निधान कुमुद गिरि जैन महापुराण : एक कलापरक अध्ययन कुसुम जैन आचार्य अमितगति : व्यक्तित्व और कृतित्त्व स्याद्वाद केवलकृष्ण मित्तल भौतिकवाद एवं समयसार की सप्तभंगी व्याख्या के० एच० त्रिवेदी जैनधर्म-एक अवलोकन केवल मुनि चारित्र की दृढ़ता के० आर० चन्द्र अर्धमागधी भाषा में सम्बोधन का एक विस्मृत शब्द-प्रयोग 'आउसन्ते' कुवलयमाला की मुख्य कथा और अवान्तर कथाएँ (क्रमश:)
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