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लेख 'संदेशरासक' में पर्यावरण के तत्त्व हारीजगच्छ समकालीन जैन समाज में नारी
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० श्रीरंजन सूरिदेव डॉ० शिवप्रसाद डॉ० प्रतिभा जैन डॉ० धूपनाथ प्रसाद
अंक ई० सन् १०-१२ १९९५ १०-१२ १९९५ १०-१२ १९९५ १०-१२ १९९५
पृष्ठ २४-२७ २८-३३ ३४-४१ ४२-४३
कालचक्र
असीम कुमार मिश्र
१०-१२
१९९५
४४-५१
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४६
डॉ० (श्रीमती) कमल जैन Dr. Surendra Verma Dr. S. P. Naranga
१०-१२ १९९५ ५२-६३ 10-12 1995 81-86 10-12 1995 87-89
ऐतिहासिक अध्ययन के जैन स्रोत और उनकी प्रामाणिकता : एक अध्ययन प्राचीन जैन कथा साहित्य का उद्भव,विकास
और वसुदेवहिंडी Meaning and Typology of Violence Paņis and Jainas Sadhna of Mahāvīra as Depicted in Upadhānaśruta Select Vyāntara Devatās in Early Indian Art and Literature Sri Hanumāna in Padmapurāņa जैनधर्म और हिन्दूधर्म (सनातन धर्म) का पारस्परिक सम्बन्ध
Dr. A. K. Singh
10-12
1995
90-98
Dr. Nandini Mehta Surendra Kumar Garga
46 46
10-12 10-12
1995 1995
99-103 . 104-117
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डॉ० सागरमल जैन
४७
१-३
१९९६
३-१०