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Jain Education International
अंक ७-९
ई० सन् १९९६
पृष्ठ ४४-४८
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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख
लेखक त्रिरत्न, सर्वोदय और सम्पूर्ण क्रान्ति ।
डॉ० धूपनाथ प्रसाद महात्मा गांधी का मानवतावादी राजनैतिक चिन्तन और जैनदर्शन : एक समीक्षात्मक अध्ययन
डॉ० ऊषा सिंह Metrical Studies of Daśāśrutaskandha Niryukti in the light of its parallels
Dr. Ashok Kumar Singh Sadhaka, Sadhana & Sadhya
Priya Jain द्वन्द्व और द्वन्द्व निवारण (जैन दर्शन के विशेष प्रसङ्ग में) डॉ० सुरेन्द्र वर्मा अनेकान्तवाद और उसकी व्यावहारिकता
डॉ० विजय कुमार स्थानाङ्ग एवं समवायाङ्ग में पुनरावृत्ति की समस्या डॉ० अशोककुमार सिंह तित्थोगाली (तिर्थोद्गालिक) प्रकीर्णक की गाथा संख्या का निर्धारण
अतुलकुमार प्रसाद सिंह पिप्पलगच्छ का इतिहास
डॉ. शिवप्रसाद Spiritual Practices of Lord Mahāvīra
Yuacharya Dr. Shiv Muni Relevance of Non-Violence in Modern life Dulichand Jain तनाव : कारण एवं निवारण
डॉ० सुधा जैन योगनिधान
डॉ० कुन्दनलाल जैन दशाश्रुतस्कन्ध नियुक्ति में इंङ्गित दृष्टांत
डॉ० अशोककुमार सिंह अणगार वन्दन
डॉ० (श्रीमती) मुन्नी जैन
7-9 1996 7-9 1996 १०-१२ १९९६ १०-१२ १९९६ १०-१२ १९९६
59-76 77-84 १-१३ १३-३५ ३६-५२
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१०-१२ १९९६ १०-१२ १९९६ 10-12 1996 10-12 1996 १-३ १९९७
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५३-६४ ६५-८२ 83-100 101-109 १-२० । २१-३२ ४७-५९ ६०-७०
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