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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० सीताराम दुबे डॉ० शिवप्रसाद सं० डॉ० मुन्नी जैन कु० भारती महेन्द्र कुमार जैन 'मस्त' Dr. A. K. Singh Dr. Rajjan Kumar डॉ० सागरमल जैन । डॉ० अशोक कुमार सिंह डॉ० के० आर० चन्द्र
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अंक ई० सन्
१९९७ ७-९ १९९७ ७-९ १९९७ ७-९ १९९७
१९९७ 7-9 1997 7-9 1997 १०-१२ १९९७ १०-१२ १९९७ १०-१२ १९९७
पृष्ठ १-१३ १४-५० ५१-६७ ६८-८० ८२-८५ 89-103 104-108 १-२८ ३१-४४ ४५-५२
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लेख स्याद्वाद की अवधारणा : उद्भव एवं विकास ब्रह्माणगच्छ का इतिहास पंचेन्द्रिय संवाद : एक आध्यात्मिक रूपक काव्य प्रद्युम्नचरित में प्रयुक्त छन्द-एक अध्ययन जैनों में साध्वी प्रतिमा की प्रतिष्ठा-पूजा व वन्दन Nirgrantha Doctrine of Karma: A Historical Perspective Guņavrata and Upāsakadaśānga जैन आगमों की मूलभाषा : अर्धमागधी या शौरसेनी दशाश्रुतस्कंधनियुक्ति : अन्तरावलोकन षट्प्राभृत के रचनाकार और उसका रचनाकाल जैन आगमों में धर्म-अधर्म (द्रव्य) : एक ऐतिहासिक विवेचन पंचकारण समवाय अड्डालिजीय गच्छ जर्मन जैन श्राविका डॉ० शार्लोटे क्राउझे Aștakaprakaraña: An Introduction Navatattvaprakarana
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डॉ० विजय कुमार डॉ० रतनचन्द्र जैन डॉ० शिवप्रसाद श्री हजारीमल बांठिया Dr. Ashok Kumar Singh Dr. Shriprakash Pandey
१०-१२ १९९७ १०-१२ १९९७ १०-१२ १९९७ १०-१२ १९९७ 10-12 1997 -10-12 1997
५३-७२ ७३-८० ८१-८२ ८३-९२ 107-118 1-28
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