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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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अंक
ई० सन् १९८०
१८१ पृष्ठ १२-१८
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लेख साधना में श्रद्धा का स्थान आरती पात्रा व्यावहारिक क्रियाएँ - इन्द्रचन्द्र जैन
स्थूलभद्र श्री शान्तिभाई वनमाली सेठ का अमृतोत्सव इन्द्रचन्द्र शास्त्री अभय का अराधक आचार्य हेमचंद्र और जैन संस्कृति आचारांग की दार्शनिक मान्यतायें आप सम्यग् दृष्टि हैं या मिथ्यादृष्टि आर्यरक्षित आस्तिक और नास्तिक किसकी जय केवलज्ञान सम्बन्धी कुछ बातें गुरु नानक चरित्र के मापदण्ड
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