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Jain Education International
१८७ पृष्ठ
अंक
ई० सन्
१२
१९८७
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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख
वर्ष उमेशचन्द्र सिंह उत्तरभारत की सामाजिक एवं आर्थिक संरचना : जैन आगम साहित्य के सन्दर्भ में उमेशचन्द्र श्रीवास्तव त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित में प्रतिपादित-सांस्कृतिक जीवन उम्मेदमल मुनोत गतिशील स्वच्छ मन वरदान है उमेश मुनि असमता मिटाने का उपाय. उषा सिंह महात्मा गाँधी का मानवतावादी राजनीतिक चिन्तन और जैनदर्शन-एक समीक्षात्मक अध्ययन उषा मेहरा मॉन्तेसरी शिक्षा-पद्धति ए० एम० योस्तन अहिंसा और शिशु मॉन्तेसरी आन्दोलन मॉन्तेसरी शिक्षा के ५० वर्ष
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