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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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वर्ष
अंक
ई० सन् पृष्ठ
४
१९५३
८-१०
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लेख अरविंद क्रोध आदि वृत्तियों पर विजय कैसे? अरुण प्रताप सिंह अशोक के अभिलेखों में अनेकांतवादी चिन्तन : एक समीक्षा इषुकारीय अध्ययन (उत्तराध्ययन) एवं शांतिपर्व- (महाभारत) का पिता-पुत्र संवाद
जैन एवं बौद्ध धर्म में भिक्षुणी संघ की स्थापना के जैन परम्परा के विकास में स्त्रियों का योगदान ए जैन भिक्षुणी-संघ और उसमें नारियों के प्रवेश के कारण
भगवान् महावीर की निर्वाण तिथि : एक पुनर्विचार के भिक्षुणी संघ की उत्पत्ति एवं विकास है हरिभद्र की श्रावक प्रज्ञप्ति में वर्णित अहिंसा : आधुनिक संदर्भ में हिन्दू एवं जैन परम्परा में समाधिमरण : एक समीक्षा अर्चना पाण्डेय
जैन दर्शन के संदर्भ में भाषा की उत्पत्ति ६ जैन दर्शन में कथन की सत्यता
जैन भाषा दर्शन की समस्याएँ शब्द का वाच्यार्थ जाति या व्यक्ति
१०-१२ १९९३ १-३ १९९१ ९ १९८४ १०-१२ १९९३ ४ १९८२ १०-१२ १९९५ ९ १९८० १०-१२ १९९० १०-१२ १९९३
८-१३ ८७-९२ १-१६ १-७ १२-१६ १-४ १७-२० ५७-७० १४-१८
५ ५ १-३ ९
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१९८६ १९८५ १९९१ १९८५
११-१८ ६-९ ९३-९६
९-१३