Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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श्रमण : अतीत के झरोखे में
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पृष्ठ २४-२७
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लेख
तेलगूभाषा के अवधानी विद्वानों की परम्परा के दशाश्रुतस्कन्ध की बृहद् टीका और टीकाकार मतिकीर्ति
दशाश्रुतस्कन्ध के विविध संस्करण एवं टीकाएँ देवचन्द्रकृत यंत्र प्रकृति का वस्त्र टिप्पणक । दानशील, तप, भाव के रचयिता और दानकुलक का पाठ दान सम्बन्धी मान्यता पर विचार दिगम्बर आर्या जिनमती की मूर्ति दिल मां दिवड़ो थाय द्वीपसागरप्रज्ञप्ति नन्दीसूत्र की एक जैनेतर टीका मुनि विनयचन्द्रकृत ग्रहदीपिका पं० रामचंद्र गणिरचित सुमुखनृपतिकाव्य पं० सुखलाल जी के तीन व्याख्यानमालाओं के पठनीय ग्रंथ पद्ममंदिररचित बालावबोध प्रवचनसार का नहीं प्रवचनसारोद्वार का है पर्युषण और हमारा कर्तव्य
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ई० सन् १९५९ १९७८ १९७७ १९७९ १९७३ १९५५ १९५९ १९६० १९६५ १९६५ १९७० १९६८ १९८१ १९७० १९५७ १९८५ १९५९
२१-२४ २८-२९ १८-२४ ३-१० ३१-३२ ८-९ १८-१९ १३-१४ १५-१७ ३०-३१ ५७ ३०-३१ ९-१४ ६-१२ २५-२६
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पर्युषण पर्व का पावन संदेश
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