Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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लेख
अंक
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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० उम्मेदमल मुनोत डॉ० ब्रजनारायण शर्मा डॉ० रमेशचन्द जैन मुनि राजेन्द्रकुमार 'रत्नेश डॉ० विनोदकुमार तिवारी श्री अगरचन्द नाहटा श्री रज्जन कुमार दर्शनाचार्य मुनि योगेश श्री अगरचन्द नाहटा डॉ० राजदेव दुबे डॉ० कपूरचन्द जैन सौभाग्यमल जैन डॉ० कस्तूरीमल गोस्वामी अम्बिकादत्त शर्मा रत्नलाल जैन अशोककुमार सिंह रमेशकुमार जैन
गतिशील स्वच्छ मन वरदान है ? प्राणातिपात विरमण: अहिंसा की उपादेयता प्राकृत भाषा और जैन आगम प्लेटो और जैन दर्शन आज के सन्दर्भ में जैन पंचव्रतों की उपयोगिता श्वेताम्बर पण्डित परम्परा ज्ञानीजनों का मरण : भक्त प्रत्याख्यान मरण युवाचित्त धर्म से विमुख क्यों? जैन साहित्य के महान् सेवक : हीरालाल कापड़िया वैदिक वाङ्मय और पुरातत्त्व में तीर्थंकर ऋषभदेव पुरुदेवचम्पू का आलोचनात्मक अध्ययन श्रमण संस्था और समाज आहार दर्शन जैन दर्शन में जन्म और मृत्यु की प्रक्रिया संस्कृत साहित्य में कर्मवाद प्रबन्धकोश में उपलब्ध आर्थिक विवरण भगवान् पार्श्वनाथ का निर्वाण पर्व
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पृष्ठ २-५ ६-१५ १६-२२ २४-२७ २-५ १०-१३ १४-१९ २०-२२ २३-२६
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