Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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Jain Education International
लेख
वर्ष ४१
अंक १०-१२
। १४७ पृष्ठ । ४९-५६
ई० सन् १९९०
श्रमण : अतीत के झरोखे में
लेखक क्षेत्रज्ञ शब्द के विविध रूपों की कथा और उसका अर्धमागधी रूपान्तर डॉ० के० आर० चन्द्र हरिभद्र की श्रावकप्रज्ञप्ति में वर्णित अहिंसा : आधुनिक सन्दर्भ में
डॉ० अरुण प्रताप सिंह ईश्वरत्व : जैन और योग-एक तुलनात्मक अध्ययन
डॉ० ललित किशोर लाल श्रीवास्तव जैन आगम साहित्य में वर्णित दास-प्रथा
डॉ० इन्द्रेशचन्द्र सिंह जैनाचार्य राजशेखरसूरि : व्यक्तित्व एवं कृतित्त्व डॉ० अशोक कुमार सिंह शाजापुर का पुरातात्त्विक महत्त्व
प्रो० कृष्णदत्त बाजपेयी जैनधर्म के धार्मिक अनुष्ठान एवं कलातत्त्व
डॉ० सागरमल जैन जैन श्रमण साधना : एक परिचय
डॉ० सुभाष कोठारी तीर्थंकर महावीर जन्मना ब्राह्मण या क्षत्रिय
श्री सौभाग्यमल जैन समयसार के अनुसार आत्मा का कर्तृत्व-अकर्तृत्व एवं भोक्तृत्व-अभोक्तृत्व
____डॉ० श्रीप्रकाश जी पाण्डेय भरतमुनि द्वारा प्राकृत को संस्कृत के साथ प्रदत्त सम्मान और गौरवपूर्ण स्थान
डॉ० के० आर० चन्द्र पाण्डवपुराण में राजनैतिक स्थिति
रीता बिश्नोई इषुकारीय अध्ययन (उत्तराध्ययन) एवं शांतिपर्व (महाभारत) का पिता-पुत्र संवाद
डॉ० अरुण प्रताप सिंह
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