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अंक
ई० सन्
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१९८५
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लेख दर्शन और ज्ञान जब चारित्र में आया भगवान् महावीर का आदर्श जीवन तीर्थंकर महावीर की जन्मभूमि : विदेह का कुण्डपुर स्वभाव-परिवर्तन जैनधर्म एवं गुरु-मन्दिर आभूषण भार स्वरूप है अपराध की औषधि : क्षमा एक महान् विरासत की सहमति में उठा हाथ दृढ़प्रतिज्ञ केशव एकता? एकता? एकता? भाग्य बनाम पुरुषार्थ शब्द का वाच्यार्थ जाति या व्यक्ति श्रावक गंगदत्त जैन कर्म-सिद्धान्त का क्रमिक-विकास जैनदर्शन में आत्म स्वरूप तीर्थंकर महावीर की शिक्षाओं का सामाजिक महत्त्व धर्म एवं दर्शन-एक गवेषणात्मक विवेचन
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक श्री महेन्द्र सागर प्रचण्यिा पूनमचन्द मुणोत जैन गणेश प्रसाद जैन युवाचार्य महाप्रज्ञ जसवन्तलाल मेहता श्री सौभाग्यमुनि जी 'कुमुद' श्री कृष्ण 'जुगनू' महेन्द्र कुमार फुसकुले मुनिश्री महेन्द्रकुमार जी 'प्रथम' राजेन्द्रकुमार श्रीमाल डॉ. सागरमल जैन कु. अर्चना पाण्डेय मुनिश्री महेन्द्रकुमार 'प्रथम' श्री रवीन्द्रनाथ मिश्र डॉ० उदयचन्द जैन डॉ० विनोदकुमार तिवारी मुनि राजेन्द्रकुमार रत्नेश
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पृष्ठ १८-१९ २२-२३ २-११ १२-१८ १९-२६ २-४ ७-९ ११-१४ १५-२१ २२-२६ २-६ ९-१३ १४-१५ १६-२१
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