Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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वर्ष ३२
लेख दार्शनिक पुरुष प्रज्ञापुरुष सदा जागृत नरवीर
अंक ५
पृष्ठ
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ई० सन् १९८१ १९८१ १९८१
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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक मुनिश्री रामकृष्ण साध्वीश्री विचक्षण श्री जी साध्वीश्री मृगावती एवं साध्वी श्री सुव्रता श्री जी श्री जैनेन्द्र कुमार श्री यशपाल जैन डॉ० रामजी सिंह पं० के० भुजबलि शास्त्री साहू श्रेयांसप्रसाद जैन सेठ श्री अचलसिंह जी श्री शादीलाल जैन श्री चिमनभाई चकुभाई शाह विद्यानन्द मुनि बेचरदास दोशी श्री गुलाबचन्द जैन श्री अगरचन्द नाहटा श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री डॉ० जयकुमार जैन
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३९-४० ४१-४३ ४४-४६ ४७ ४८-४९
स्मृति नन्दन ग गुणों के आगार
भारतीय मनीषा के उज्जवलतम् प्रतीक पं० सुखलाल जी पं० रत्न विद्वान् सुखलाल जी-एक सुखद संस्मरण पुरुषार्थ के प्रतीक पं० सुखलाल जी सरस्वती पुत्र स्व. पंडित जी-एक चलते फिरते विश्व-कोष समदर्शी दार्शनिक विद्वत् रत्नमाला का एक अमूल्य रत्न अनन्य साथी का वियोग प्रज्ञाचक्षु पं० सुखलाल जी: एक परिचय पं० सुखलाल जी के तीन व्याख्यानमालाओं के पठनीय ग्रंथ जैन, बौद्ध और वैदिक साहित्य-एक तुलनात्मक अध्ययन प्राचीन भारतीय वाङ्मय में पार्श्वचरित
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द्वितीय भाग १९८१ ३२ द्वितीय भाग १९८१
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