Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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९२
लेख
लेखक
जैनदर्शन में योग का प्रत्यय कन्नड़ में जैन साहित्य
श्री प्रेमकुमार अग्रवाल
पं० के० भुजबली शास्त्री
श्री अगरचंद नाहटा
भक्तामर की एक और सचित्रप्रति विश्वेश्वरकृत श्रृंगारमंजरी सट्टक का अनुवाद (क्रमश:) डॉ० के० आर० चन्द्र
स्वयंभू की गणधर परम्परा
डॉ० देवेन्द्र कुमार
जैन
जैन मिस्टीसिज्म
श्रमण : अतीत के झरोखे में
पश्चिम भारत का जैन संस्कृत साहित्य को योगदान जैन संस्कृति के प्रतीक मौर्यकालीन अभिलेख
प्रो० यू० ए० असरानी
श्री प्रेमसुमन जैन
डॉ० पुष्पमित्र जैन डॉ० देवेन्द्र कुमार
जैन
तीर्थंकर और दुःखवाद विश्वेश्वरकृत श्रृंगारमंजरी सट्टक का अनुवाद (क्रमश:) डॉ० के० आर० चन्द्र
Dr. M. L. Mehta
डॉ० प्रमोद मोहन पाण्डेय श्री कन्हैयालाल सरावगी
Prakrit Bhasyas
आगमों में राजा एवं राजनीति पर स्त्रियों का प्रभाव प्राचीन भारतवर्ष में गणतंत्र का आदर्श अद्धमागहाए भाषाए भासंति अरिहा विश्वेश्वरकृत श्रृंगारमंजरी सट्टक का अनुवाद Jaina View of Kevalin
भारतीय कथा साहित्य में पद्मचरित का स्थान
श्री नन्दलाल मारु
डॉ० के० आर० चन्द्र
Dr. L. K. L. Srivastava श्री रमेशचन्द्र जैन
वर्ष
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अंक
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पृष्ठ
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१३-२०
२१-२४
२५-३०
३१
३२-४१
३-१६
१७-२५
२६-२८
२९-३४
३५-३६
३-८
९-१२
१३-१५
१६-१९
२०-३०
३-११