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श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० रतिलाल म० शाह श्री अजित मुनि डॉ० देवेन्द्र कुमार जैन
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अंक १२ १२ १-२
ई० सन् १९७३ १९७३ १९७३
पृष्ठ २५-३० ३१-३२ ३-१३
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श्री मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी श्री रमेशमुनि शास्त्री डॉ० रमेशचन्द्र जैन
१९७३ १९७३ १९७३
१४-२१ २२-२८ २९-३४
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लेख जैनधर्म में तांत्रिक साधना का प्रवेश स्था० जैन साध्वी संघ का पारम्परिक इतिहास स्वयंभू और उनका पउमचरिउ उड़ीसा में जैनकला एवं प्रतिमा-विज्ञान की राजनैतिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि स्याद्वाद-एक पर्यवेक्षण भट्टारक सकलकीर्ति और उनकी सद्भाषितावली समराइच्चकहा की संक्षिप्त कथावस्तु और उसका सांस्कृतिक महत्त्व तीर्थंकर-प्रतिमाओं का उद्भव और विकास Contribution of Jainism to Indian Philosophy प्राकृत के प्रबन्ध-काव्य : संस्कृत-प्रबन्ध काव्यों के सन्दर्भ में जैन सिद्धान्त में 'योग' और 'आस्व' भगवान् महावीर के युग का जैन सम्राट महाराजा चेटक आचार्य भद्रबाहु और हरिभद्र की अज्ञात रचनाएँ मृत्यु एवं संलेखना महाकवि स्वयंभू और नारी
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डॉ० झिनकू यादव श्री हरिहर सिंह Dr. M.L. Mehta
१९७३ १९७३ १९७३
३५-४२ ४३-५२ ५३-५८
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श्रीरंजन सूरिदेव आचार्य अनन्त प्रसाद जैन श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री श्री अगरचन्द नाहटा डॉ० हुकुमचन्द संगवे डॉ० देवेन्द्र कुमार जैन
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१९७४ १९७४ १९७४ । १९७४ १९७४ १९७४ १९७४
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३-१० ११-१९ २०-२४ २५-३१ ३२-३९ ३-७