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१५० सम्यक्त्वना ५ लक्षणो ५ आत्म दशा पांच चिन्ह १५३ १५१ अमीवर्षा (नूतन वर्षाभिनंदन) २ वर्षों प्रभु अमीवर्षासदा १५४ १५२ उपदेश ५ रे जीव तू भूमा मत १५४ १५३ चार अवस्थाएं ५ अवधू तुर्या अवस्था तेरी १५५ १५४ शीलोपदेश ४ परा भक्ति पढ़ो सुमति ! १५५
एकविंशतिदल कमल बद्ध शम दम खम गम अमम १५५
द्वाविंशति दल कमलबद्ध जिनचरनन नत नयन मन १५५ १५५ ज्ञानमीमांसा के दोहे १५ केवल परव्यवसाय जहं १५६ १५६ शीलोपदेश ५ सतीयाँ रहो दृढ़ शील प्रवास १५७ १५७ , ५ रे सति तज नर पशु जन संग १५८ १५८ महेश २ मानव जो भजे जिनन्द्र महेश १५६ १५६ प्रार्थना ३ चंचल चित चिहुंदिश भटकत है १५६ १६० योगदृष्टिसमुच्चय तृण तेज सम भा खेदक्षय १५६ १६१ प्रेरणा
जिया तू दिया जला दिल का १६० १६२ सत्संगप्रेरणाअवंचकत्रयीप्रतिदिन नियमित सत्संगकरो १६० १६३ मन पंछी पद चंचल मन पंछी चुप रहो १६० १६४ निज चेतावनी पद ४ जीया तु चेत सके तो चेत १६१ १६५ सात्विक आहारदान विधि नमोस्तु २ तिष्ठो तिष्ठो १६१ १६६ स्याद्वाद वैशिष्टय , हंसा रूठ गये तुम कैसे १६२ १६७ धूप दशमी रहस्य ६ मैं उजवुधूप दशमी ब्रत चंग १६३ १६८ नूतन वर्षाभिनंदन ६ चेतन तुम्हें सदा हो १६४ १६६ प्रेरणा पद ६ ला दिखादे अपने वहीवट की बही १६४
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