Book Title: Sahajanand Sudha
Author(s): Chandana Karani, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram

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Page 258
________________ जेम घटोत्पत्ति निमितता, चक्र भूमण सापेक्ष ; : पांचे द्रव्य-नवाजुनी काल-द्रव्य सापेक्ष...७० अणु लंघे अणु मंदगति, काल ते समय विशेष ; .. असंख्य समय निमेष मां, काष्ठा आठ-निमेष...७१ सोले काष्ठानी कला, साठ-घड़ी दिन रात ; - घड़ी बत्रीस कलातणी, मासे त्रीस दिनान्त...७२ बे छ बारे मासनां, ऋतु अयन ने वर्ष ; भूत भाषि ने वर्ततुं, काल भेद निष्कर्ष...७३ 'अनंत गुणा जीव-अणु थकी, 'समयो' वे'पार-काल ; नभ-लोके कालाणु ते, छे परमारथ काल...७४ ए चारे द्रव्यो तणा, गुणो-पर्यायो शुद्ध ; काल रहित पंच-द्रव्यने, अस्तिकाय कहे बुद्ध"७५ अस्ति वस्तु-होवापणु, देह जेम ते काय ; बहु प्रदेश काया बने, एक प्रदेश अकाय...७६ प्रति द्रव्ये अभिन्नांश ते, प्रदेश 'अणु' प्रमाण ; संख्य असंख्य अनंतता, स्कंध-प्रदेशो जाण . .७७ परमाणु-कालाणुनँ, प्रमाण एक-प्रदेश धर्म अधर्म नभ लोक ने, जीव असंख्य प्रदेश...७८ ए छ द्रव्य-समुदाय ते, विश्व वसे नभ लोक ; ....छे अनंत प्रदेशमय, ते आकाश अलोक...98 जाति-विजातिय बंधथी, जीव-पुदगलो अशुद्ध ; . बाकी चारे शुद्ध छे, चेत्ये चेतन शुद्ध...८० २२६ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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