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पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमत चंद्र स्वामी पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 50 of 583 ISBN # 81-7628-131-3 -2010:002
का परिणमन ही पर्याय हैं सत्ता असत्ता रूप नहीं होती हैं सत्ता में जो परिणमन चल रहा है, उसका नाम पर्याय हैं गुणों के विकार का नाम पर्याय हैं आचार्य उमास्वामी ने तत्त्वार्थ सूत्र में पाँचवें अयाय में यही बात कही है
सद् द्रव्यलक्षणम् 25 उत्पादव्ययध्रौव्ययुक्तं सत्30 गुणपर्ययवत् द्रव्यम् 38
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भगवान के समोवसरण का दृश्य
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