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पाठ - 8 राम का निर्गमन-भरत का राज्यक्रम
(इसके बाद) उस जिन विश्राम स्थल में नींद भोगकर अर्द्धरात्रि में लोगों के गहरी निद्रा में सोये हुए होने पर (लोगों के) संचाररहित और शब्दरहित होने पर।
2.
श्रेष्ठ धनुषरूपी रत्न को लेकर (तथा) जिन (भगवान) को नमन करके सीता के साथ वे दोनों ही (राम और लक्ष्मण) (उन) लोगों को देखते हुए धीरे से निकल गये।
3.
इस प्रकार जनसमूह के कार्य को देखते हुए सुनते हुए, वे गुप्तद्वार से (होकर) धीरे से नगर से ही (बाहर) निकले।
इस प्रक
अपनी सेनासहित खोजते हुए सुभटों के द्वारा पश्चिम दिशा में जाते हुए (वे) देख लिए गये (वहाँ) जाकर वे भावपूर्वक प्रणाम किए गए।
तब स्वभाव से मन्थर गति से युक्त सिंह राजकुमार सेनासहित सुखपूर्वक मात्र दो कोस स्थान को जाते हैं।
6.
गाँवों और नगरों में बहुत से लोगों के द्वारा पूजे जाते हुए (वे) चलते हुए खेट (नदी और पर्वतों से वेष्टित नगर), मडम्ब (ग्राम विशेष जिसके एक योजन तक कोई गाँव नहीं हो) और आकर (सुगन्धित काष्ठ विशेष से युक्त) पृथ्वी को देखते हैं।
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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