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भिण्णं
भिन्न
(भिण्ण) 1/1 वि (त) 1/1 स
मो
वह
णवि
अव्यय
नहीं
जाणदि
जानता है
सत्थं
(जाण) व 3/1 सक (सत्थ) 2/1 [(आगम)-(पाठ) 2/1] (कुण) वकृ 1/1
आगम-पाठं कुणंतो
शास्त्र को आगम का पाठ करते हुए
अव्यय
भी
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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