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वज्जकुडेण मणीरामो निस्सरिओ
[(वज्ज)-(कुड) 3/1 वि] (मणीराम) 1/1 (निस्सर) भूकृ 1/1
कठोर की हुई रोटी से मणीराम निकाल दिया गया
4.
पुणरवि
अव्यय
फिर भी
पत्नी को
कहता है
भज्जं कहेइ अहुणा अज्जयणाओ
अब
जामायराणं तिलतेल्लेण
आज से दामादों के लिए तिल के तेल से
जुत्तं
युक्त
रोट्टगं दिज्जा
रोटी दी जानी चाहिए
सा
वह
भोयणसमए
जामायराणं तिलतेल्लजुत्तं रोट्टगं
(भज्जा ) 2/1 (कह) व 3/1 सक अव्यय (अज्जयण) क्रिविअ 5/1 (जामायर) 4/2 [(तिल)-(तेल्ल) 3/1] (जुत्त) 1/1 वि (रोट्टग) 1/1 (दिज्जा) कर्म अनि 1/1 (ता) 1/1 स [(भोयण)-(समय) 7/1] (जामायर) 4/2 [(तिल)-(तेल्ल)-(जुत्त) 2/1 वि] (रोट्टग) 2/1 (दा) व 3/1 सक (त) 2/1 स (दह्ण) संकृ अनि (माहव) 1/1 अव्यय (जामायर) 1/1 (चिंत) व 3/1 सक (घर) 7/1 अव्यय (एअ) 2/1 स (लब्भइ) व कर्म 3/1 सक अनि
भोजन के समय दामादों के लिए तिल के तेल से युक्त रोटी
देती है उसको
देखकर
दहण माहवो
माधव
नाम
नामक
दामाद
जामायरो चिंतेइ घरंमि
विचार करता है
घर में
भी
यह
एयं लब्भइ
प्राप्त किया जाता है
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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