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पावसियालया
एए
कुम्मए
दोच्चं
पि
तच्चं पि
सव्वओ
समंता
उव्वत्तेंति
नो
चेव
9.
संचारन्ति करेत्तए
ता
संता
तंता
परितंता
निव्विन्ना
समाणा
सणियं
सणियं
पच्चोसक्कंति
एतमवक्कमंत
निच्चला
निप्फंदा
तुसिणीया
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[(पाव) वि - (सियाल) 'अ' स्वार्थिक 1/2 ] पापी सियार
(अ) 2 / 2 सवि
इन
(कुम्म) 'अ' स्वार्थिक 2/2
कछुओं को
अव्यय
दो बार
और
अव्यय
[ ( तच्चं ) + (पि) ]
[ ( तच्चं ) अव्यय - (पि) अव्यय ]
अव्यय
अव्यय
( उव्वत्त) व 3 / 2 सक
अव्यय
अव्यय
अव्यय
( संचाय) व 3 / 2 अक
(कर) हेकृ
अव्यय
(संत) भूकृ 1/2 अनि
(तंत) भूक 1/2 अनि (परितंत) भूक 1/2 अनि
(निव्विन्न) 1/2 वि
( समाण) 1 / 2 वि
अव्यय
अव्यय
( पच्चोसक्क) व 3 / 2 अक
[(एगंतं) + (अवक्कमंति) ] एतं ( एगंत) 2/1
अवक्कमंति (अवक्कम) व 3 / 2 सक
(निच्चल) 1/2 वि
(निप्फंद) 1/2 वि
(तुसिणीय) 1/2 वि
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तीन बार,
भी
सब ओर से
चारों तरफ से
उल्टा करते हैं
नहीं
परन्तु
पादपूरक
समर्थ होते हैं
(शरीर के लिए बाधा ) करने के लिए
तब
थके हुए
परेशान हुए
अत्यन्त बैचेन हुए
दुःखी
क्रोधी
धीरे
धीरे
पीछे हटते हैं
एकान्त में
जाते
निश्चल
स्थिर
चुप
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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