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गेण्हसु
(गेण्ह) व 2/1 सक
ग्रहण करो
मा
अव्यय
मत
णे
अव्यय
पादपूरक देर करो
(चिराव) व 2/1 सक
चिरावेहि 24.
तब
अव्यय (दसरह) 3/1
दशरथ के द्वारा शीघ्र (बुलाए गए)
अव्यय
राम
लक्ष्मण के
दसरहेण सिग्धं पउमो सोमित्तिणा समं पुत्तो वाहरिओ वसहगई
साथ
(पउम) 1/1 (सोमित्ति) 3/1 अव्यय (पुत्त) 1/1 अव्यय [(वसह)-(गइ) 1/1 वि]
बाहर से वृषभ के समान गतिवाले (राम)
समागओ
आए
कयपणामो
(समागअ) 1/1 वि [(कय) भूकृ अनि-(पणाम) 1/1] अव्यय
किया गया, प्रणाम और
25.
हे वत्स!
महासंग्राम में सारथिपन
कैकेयी के द्वारा
मेरा
वच्छ
(वच्छ) 8/1 महासंगामे
[(महा)-(संगाम) 7/1] सारत्थं
(सारत्थ) 1/1 केगईए
(केगई) 3/1 मज्झ
(अम्ह) 6/1 स कयं
(कय) भूकृ 1/1 अनि तु?ण
(तुट्ठ) 3/1 वरो
(वर) 1/1 दिन्नो
(दिन्न) भूकृ 1/1 अनि सव्वनरिन्दाण
[(सव्व)-(नरिन्द) 6/2] 1. 'सह' के योग में तृतीया विभक्ति का प्रयोग होता है।
किया गया तुष्ट होने के कारण वर दिया गया सभी राजाओं के
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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