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तुरंगमं
समारुढो
घोड़े पर चढ़ा हुआ (सवार) शीघ्रता करता हुआ
तुरन्तो
(तुरंगम) 2/1 (समारुढ) 1/1 वि (तूर) वकृ 1/1 अव्यय (भरह) 1/1 (त) 6/2 स (अणुमग्ग) पंचमी अर्थक 'ओ' प्रत्यय (लग्ग) भूकृ 1/1 अनि
च्चिय भरहो ताणं अणुमग्गओ लग्गो
भरत
उनके पीछे-पीछे
लग गया (चला)
22.
इय
अव्यय (दिट्ठ) भूकृ 1/2 अनि
इस प्रकार देखे गये
दिट्ठा
अव्यय
पादपूर्ति और
अव्यय
अव्यय
समयं महिलाए
साथ महिला के
कुमारवरसीहा
पुच्छन्तो
(महिला)3/1 (त) 1/2 सवि [(कुमार)-(वर)-(सीहा) 1/2] (पुच्छ) वकृ 1/1 [(पहिय)-(जण) 2/1] (वच्च) व 3/1 सक (भरह) 1/1 [(पवण)-(वेग) 1/1 वि]
सिंह के जैसे कुमारवर पूछता हुआ पथिकजनों को
पहियजणं
जाता है
वच्चइ भरहो पवणवेगो
भरत
पवन के (समान) वेगवाला
23.
अव्यय
(त) 2/2 सवि (नइ) 6/1 (तीर) 7/1 (वीसम) वकृ 1/2 [(महा)-(वण) 7/1] (भीम) 7/1 वि
निश्चय ही उनको नदी के किनारे पर विश्राम करते हुए महावन में
वीसममाणा महावणे
भीमे
भयंकर
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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