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32. तब राम कहते हैं- हे माता! क्या बड़े कुल में उत्पन्न हुए क्षत्रिय
मिथ्याभाषी होते हैं? इसलिए भरत राज्य करे।
33. वहाँ ही (उसी) वन में सब राजाओं के समक्ष लक्ष्मण के साथ राम
ने भरत को राज्य पर बिठाया।
34-35.कैकेयी को नमस्कार करके भरत राजा को भुजाओं में आलिंगन करके
(तथा) सब सामन्तों से बातचीत करके सीता सहित वे दक्षिण देश के सम्मुख चल पड़े। भरत भी अपने राज्य के सम्मुख पहुँच गया (वहाँ पहुँचकर) देवनगरी में इन्द्र के जैसे राज्य करने लगा (करता है)।
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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