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गयणहिओ
गगन में स्थित
चंदो
[(गयण)-(ट्ठिअ) भूकृ 1/1] अव्यय (चंद) 1/1 (आसास) व 3/1 सक [(कुमुय)-(संड) 2/2]
आसासह
चन्द्रमा आश्वासन देता है कमल-समूहों को
कुमुयसंडाई 32. एमेव कह वि
अव्यय
अव्यय
इसी प्रकार किसी तरह किसी के लिए
कस्स
(क) 4/1 सवि
वि
अव्यय
भी
(क) 3/1 सवि
किसी के द्वारा
केण वि दिद्वेण होइ परिओसो
भी देख लिया जाने से होता है परितोष कमल-समूहों का
कमलायराण
अव्यय (दिट्ठ) भूकृ 3/1 अनि (हो) व 3/1 अक (परिओस) 1/1 [(कमल)+ (आयराण)] [(कमल)-(आयर) 6/2] (रइ) 3/1 (कि) 1/1 सवि (कज्ज ) 1/1 (ज) 3/1 स (वियस) व 3/2 अक
रइणा
सूर्य से
किं
क्या
कज्जं जेण वियसंति
प्रयोजन जिससे
खिलते हैं
33.
कत्तो
अव्यय
उम्गमइ.
(उग्गम) व 3/1 अक
(रइ) 1/1
रई कत्तो वियसंति पंकयवणाई सुयणाण
अव्यय (वियस) व 3/2 अक [(पंकय)-(वण) 1/2] (सुयण) 6/2
कहाँ से उदय होता है सूर्य
और कहाँ खिलते हैं कमलों के समूह सज्जनों का
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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