________________
शुभ आशीर्वाद
परस्परोपग्रहो जीवानाम्
जिस प्रकार सूर्य और चन्द्रमा सत्य है धरती और आकाश का स्थान है, उसी प्रकार भगवान महावीर और उनके सत्-सिद्धान्त भी अटल और अचल हैं; जन-जन के लिए हृदयग्राही हैं - इसी से महावीर की पहिचान विश्व के मानचित्र पर सर्वोत्तम हैं।
राजस्थान जैन सभा महावीर जयन्ती को उच्च स्तर पर मनाती आ रही है, साथ ही 2004 में हमारे प्रथम वर्षायोग के अवसर पर आशीर्वाद और निर्देश से वीर शासन जयन्ती मनाने का संकल्प लिया और निरन्तर उत्साह पूर्वक सम्पन कर रहे हैं। इस वर्ष 2007 में नया कदम रहा कि रथ के ऊपर श्री 1008 महावीर भगवान की मूर्ति विराजमान कर रथ यात्रा निकाली, जिससे समय नर-नारी दर्शन का लाभ प्राप्त कर सके। हमारा सभी के लिए पूर्ण आशीर्वाद है। इसी प्रकार भगवान महावीर के सिद्धान्तों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए सतत् कार्यशील रहकर जिन धर्म की धारा में अवगाहन करते रहें। और जिन धर्म का ध्वज सतत् अपनी आभा बिखेरकर जन-मन को सन्तप्त करता रहे।
- आचार्य विशदसागर, जयपुर
महावीर जयन्ती स्मारिका 2007
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org