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द्वितीय खण्ड: अध्यात्म और सिद्धान्त
1-3
4-6
आचार्य श्री सन्मतिसागरजी क्षुल्लक श्री जिनेन्द्र वर्णी पण्डित कैलाशचन्द्रजी शास्त्री आर्यिका शीतलमतिजी पण्डित शिवचरनलाल जैन
7-14
15-16
17-22
पण्डित ज्ञानचन्द बिल्टीवाला
23-25
डॉ. श्रेयांस कुमार जैन
26-34
1. मोक्ष पदार्थ 2. अध्यात्म व अहिंसा 3. अध्यात्म और सिद्धान्त 4. द्रव्य के साधारण गुण 5. निश्चय-व्यवहार 6. अन्तरात्मा की अन्तर्मुखता और
उसका उद्भव लघुतत्त्वस्फोट के परिप्रेक्ष्य में आचार्य अमृतचन्द्रसूरि के कृतित्व
का वैशिष्ट्य 8. आचार्य अमृतचन्द्र एवं
उनका लघुतत्त्वस्फोट 9. देखनेवालेकोदेखनेका उपाय 10. जैन दर्शन में कर्म सिद्धान्त 11. तत्त्व बोध 12. कर्म सिद्धान्त एवं समाज
न्याय व्यवस्था 13. निज आत्मा ही परम ध्येय 14. जैन दर्शन में लोक की संरचना 15. मोक्षमार्ग की द्विविधता 16. जैन दर्शन का पुनरावलोकन 17. जैन दर्शन में कर्मबंध प्रक्रिया
35-39
40-45
वैद्य प्रभुदयाल कासलीवाल बाबूलाल जैन, इंजीनियर डॉ. प्रेमचन्द रांवका आचार्य महाप्रज्ञ
46-50
50
51-55
56-58
डॉ. महिमा बासल्ल महेश चन्द्र चांदवाड़ लोकेश जैन पं. मूलचन्द लुहाड़िया डॉ. नारायणलाल कछारा डॉ. शीतलचन्द जैन
59-61
62-63
64-70
71-72
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