Book Title: Agam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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कुल उपकुल व कुलोपकुल नक्षत्र का यंत्र.
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मास कुल उपकुल कुलोपकुल नं०, मास कुल उपकुल कुलोपकुल १श्रावण शु. १५ घनिता श्रवण | आभाजित ७ महा शु. १५ मघा अश्लेषा २ भाद्रपद श.१५ उत्तर भा. पूर्वाभाद्रपद शतभिषा|८फाल्गुन शु.१५/उ. फा०पूर्वा फा० ३ अश्विन श.१५ अश्विनी रक्ती | ९ चैत्र शु. १५ चित्रा हस्त ४ कार्तिक श.१५ कृत्तिका भरणी . १० वैशाख शु.१० विशाखा स्वाति ५श श.१५/ मगर रोहिणो . ११ ज्यष्ट शु. १५ मुल ज्येष्टा अनुराधा पोष श. १५/
म । अादी १० अपतु श१८ उत्तराषादा पूर्वाष ढा।
487 सप्तदश चंद्र प्रज्ञप्ति सत्र-षष्ठ उपाङ्ग
• दशवा पाहुदे का छठा अंतर पाहुडा
पर्व तिथि का नक्षत्र नीकालने की विधि. दो राशि बनाना, जिन में एक ५४९०० और दूसरी
२०१० नक्षत्र मास २० दिन ९ मुहूर्त २५ भाग ६७ या इतना है. इस को पूर्णाक में लाने के लिये १२७ को ३० महर्न का एक दिन होने से ३० से गनना, और नव मुहूर्त बढाना. २७+३०%D८१०+२% ८१९. एक मुहूर्न के ६७ भाग करने का है इससे इस ख्या को ६७ से गुनाकार कर २७ भागबहाना ८१२४६७५४८७१४२७=५४९०. इतनी राशि ६७ ये भाग की हुई. यह एक नक्षत्र
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