Book Title: Agam 17 Upang 06 Chandra Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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अमावासं चंदे केणं नक्खत्तणं जोगं जोतेति? ता असले साहिं असलेसाणं एक्को मुहुत्तो सूत्र
चत्तालीसं चं वावट्ठीभागा मुहुत्तस्स वावट्ठी भागंच सत्तसट्ठिया छेत्ता छावट्ठी चुणिया
भागा सेसा,तंसमयं चणं सूरे के ग णक्खत्तेणं जोगं जोतेति,ता असलेसाहि चेब,असलेसा १ अमावास्या में आधा मास हारे इन से दूसरी धृवरः। ५४९० ० का आधा करने से २७४५० होवे इस . के मुहूर्त करने को ६२ स भाग देने से ४५२ मुहूर्त ४६ भाग ६२ ये रहे. इस में से पुष्य नक्षत्र के २६४१ मुहू जाते अश्लषा नक्षत्र १७८ मुहूर्न ४६ भाग ६२ ये का रहा. अश्लेषा नक्षत्र २०१ मुहूर्त का है | जिस में से १७८ मुहू ४६ भाग ६२ ये जाने से २२ मुहुः १६ भाग ६२ ये का सूर्य नक्षत्र रहे तब है। प्रथर अमावस्या पूर्ण हावे. जब सूर्य नक्षत्रइतना रहा तब चंद्र नक्षत्र कितना रहे? वाइस मुहूर्त के ६२ये भाग करनहो६२ से गणा करना, और १६ मौलाना २२४६२+१६%१३८० भाग ६२य होवे,और अश्लेषा नक्षत्र चंद्र की माथ १५ मुहुर्त पर्या योग करता है, इस से १३८० को १५ से गना करना, जिम मे २०७०
हावे और यह नक्षत्र मई की माय २०१ मुहूर्व पर्या योग करता है इस से २०७०० को २.१. *भाग देना, इन से १०२ भाग ६२ ये आये और शेष १९८ रहे इस के ६७ ये भाग करने । । को ६२ गुणा करना, जिस से १३२६६ होवे उसे २०१ से भाग देने से ६६ आय. १०२ बामठीये ।
427 मतदश-चद्र प्रज्ञप्ती सूत्रषष्ठ-उपाङ्ग 48
दशवा पाइडे का ब वीसवा अंतर पाहुडा
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